व्यावसायिक / व्यापारिक / वाणिज्यिक बैंक
व्यावसायिक / व्यापारिक / वाणिज्यिक बैंक उन बैंकों को कहते हैं जो धन जमा करने, व्यवसाय के लिये ऋण देने जैसी सेवायें प्रदान करते हैं। भारत में वाणिज्यिक बैंक प्रणाली की शुरुआत ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा 1770 में कोलकाता में एलेग्जेंडर कंपनी के सहयोग से किया गया। इसका उद्देश्य कंपनी के अधिकारी को सुविधा देना था। तत्पश्चात 1806 में बैंक ऑफ बंगाल, 1840 में बैंक ऑफ मुंबई, 1843 में बैंक ऑफ मद्रास की स्थापना की गई। 1866 में इलाहाबाद बैंक की स्थापना की गई।1881 में भारत का पहला व्यावसायिक बैंक अवध कमर्शियल बैंक था, जबकि भारतीयों द्वारा निर्मित स्वदेशी बैंक पंजाब नेशनल बैंक है। इसके बाद 1901 में पीपुल्स बैंक, 1906 केनरा बैंक, 1908 में बड़ोदरा बैंक, 1911 में सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और 1913 में बैंक ऑफ मैसूर की स्थापना किया गया।
भारत से बहार व्यावसायिक बैंकों की संख्या 44 है। जबकि भारत में विदेशी बैंकों की संख्या 43(2011-12) है। भारत में वर्तमान समय में कुल बैंकों की संख्या 33 है।
भारतीय स्टेट बैंक (SBI)
1921 में तीनों बैंक, बैंक ऑफ़ बंगाल, बैंक ऑफ़ मुंबई और बैंक ऑफ़ मद्रास को मिलाकर इंपीरियल बैंक की स्थापना की गई। पुनः गोरवाला समिति के सिफारिश पर इंपीरियल बैंक का राष्ट्रीयकरण कर 1 जुलाई 1955 को भारतीय स्टेट बैंक (State Bank of India of India) बना दिया गया। पुनः 1969 में 8 क्षेत्रीय बैंकों को SBI के नियंत्रण में रखा गया लेकिन उसके पश्चात 7 हो गया क्योंकि स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर और स्टेट बैंक ऑफ जयपुर एक हो गया था। 2008 में सौराष्ट्र और इंदौर की SBI के अधीन कर दिया गया। 2017 में बचे हुए पांचों बैंक का एसबीआई में विलय कर दिया गया। SBI कुल कारोबार का 31% करती है, सरकार की भागीदारी 59 % है।बैंको का राष्ट्रीयकरण
19 जुलाई 1969 को श्रीमती गांधी ने हजारी समिति के सिफारिश पर जिन बैंकों की पूंजी 50 करोड़ थी, उसका अधिग्रहण या राष्ट्रीयकरण कर दिया गया। 14 बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया गया। पुनः 15 अप्रैल 1980 को श्रीमती गांधी ने 6 बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया। राष्ट्रीयकृत बैंकों की संख्या 20 हो गई थी लेकिन 1993 में न्यू बैंक ऑफ इंडिया को पंजाब नेशनल बैंक में विलय कर दिया गया इसीलिए राष्ट्रीयकृत बैंक अब 19 हो गई है। जबकि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की संख्या 21 (19+SBI+IDBI) है।क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (Regional Rural Banks)
क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की शुरुआत छोटे और सीमांत किसानों, खेतिहर मजदूरों, कारीगरों और ग्रामीण क्षेत्रों में छोटे उद्यमियों को ऋण और अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराने का उद्देश्य से किया गया। 2 अक्टूबर 1975 को 5 क्षेत्रीय बैंकों की स्थापना की गई :- मुरादाबाद एवं गोरखपुर (उत्तर प्रदेश)
- शिवानी (हरियाणा)
- जयपुर (राजस्थान)
- मालदा (पश्चिम बंगाल)
सामान्यता क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक अनुसूचित बैंकों के अंतर्गत आते हैं लेकिन भिन्नता रखते हैं। 23 राज्यों में 196 क्षेत्रीय बैंक कार्य कर रहें हैं। केलकर समिति के सिफारिश पर क्षेत्रीय बैंकों की स्थापना को बंद कर दिया गया है।
नाबार्ड (NABARD)
12 जुलाई 1982 को शिवरमन समिति के सिफारिश पर नाबार्ड (NABARD) की स्थापना किया गया। इसका पूरा नाम राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक है। यह विश्व का सबसे बड़ा ग्रामीण बैंक है। इसका मुख्यालय मुंबई में है और 28 छेत्रिय कार्यालय हैं। नाबार्ड को 100 करोड़ की लागत से प्रारंभ किया गया था, जिसमें केंद्र एवं आरबीआई का योगदान 50-50% था। इसे बढ़ाकर 1000 करोड़, 2000 करोड़ और फिर 5000 करोड़ और अब 20,000 हजार करोड़ हो गया है। इसकी ऋण संबंधी आवश्यकता की पूर्ति आरबीआई, भारत सरकार, विश्व बैंक और अंतर्राष्ट्रीय विकास संस्था से प्राप्त होती है। नाबार्ड सभी प्रकार की कृषि एवं ग्राम विकास से संबंधित ऋण उपलब्ध कराने वाली सर्वोच्च संस्था है।भारतीय जीवन बिमा निगम (LIC)
19 जनवरी 1950 को केंद्र सरकार 245 भारतीय कंपनी और विदेशी कंपनियों को मिलाकर 1 सितंबर 1956 को राष्ट्रीयकरण कर LIC का स्थापना किया गया। राशि 5 करोड़ थी। LIC की स्थापना का मुख्य उद्देश्य जनता की बचत को प्रसारित करना और देश के हित में उसका उपयोग करना है। LIC का प्रधान कार्यालय मुंबई है और चार क्षेत्रीय कार्यालय दिल्ली, कोलकाता, मद्रास और कानपुर है। इसके अलावा 69 विभागीय कार्यालय हैं। सात क्षेत्रीय कार्यालय, 2028 शाखा कार्यालय है। भारत से बाहर भी LIC कार्य करती है। LIC का मोटो है :जीवन के साथ भी, जीवन के बाद भी..
जनरल इंश्योरेंस कंपनी (GIC)
जनरल इंश्योरेंस कंपनी की स्थापना नवंबर 1972 में किया गया । यह 1 जनवरी 1973 से कार्य कर रही है। इसकी चार क्षेत्रीय सहायक कंपनियां है:- नेशनल इंश्योरेंस कंपनी
- न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी
- ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी
- यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी