पंचवर्षीय योजना | Five Year Plans in Hindi - BHARAT GK -->

25 April 2018

पंचवर्षीय योजना | Five Year Plans in Hindi

पंचवर्षीय योजना (Five Year Plan) :

पहली पंचवर्षीय (1951 - 56)

पहली पंचवर्षीय योजना 1 अप्रैल 1951 से 31 मार्च 1956 तक चली। इस योजना का जनक सुभाष चंद्र बोस को माना जाता है। यह योजना हैरोड डोमर मॉडल पर आधारित था। इस योजना में कुल व्यय ₹3760 करोड़ रुपए हुआ। इसमें पब्लिक सेक्टर पर ₹1960 करोड़ रुपए और प्राइवेट सेक्टर पर ₹1800 करोड़ खर्च किया गया। उद्योग पर 3 से 4% तक खर्च किया गया। इस योजना के अंतर्गत खादी ग्राम बोर्ड की स्थापना की गई। इस योजना के प्राथमिकता के क्षेत्र  कृषि, सिंचाई और विद्युत थी। आर्थिक विकास का लक्ष्य 2.1% था जबकि वास्तविक विकास 3.6% हुआ। यह योजना लक्ष्य में सफल रही।Five year plan, india

द्वितीय पंचवर्षीय योजना (1956 - 61)

द्वितीय पंचवर्षीय योजना योजना 1956 से 1961 तक चली। इस योजना का प्रारूप प्रशांत चंद्र महालनोबिस तैयार किया योजना उद्योग पर आधारित था। इसीलिए इस योजना को समाजवादी योजना भी कहते हैं। इस योजना पर कुल व्यय ₹7772 करोड़ रुपए हुआ। उद्योग पर 20-21% व्यय किया गया। आर्थिक विकास का लक्ष्य 4.5 था पर वास्तविक विकास 4.27% हुआ। द्वितीय योजना रूस की योजना के अनुरूप है। इस योजना में सार्वजनिक क्षेत्र के तीन इस्पात कारखानों की स्थापना की गई -
  1. पहला इस्पात का कारखाना का निर्माण जर्मनी के सहयोग से उड़ीसा के राउरकेला में 1959 में हुआ।
  2. दूसरा इस्पात का कारखाना का निर्माण रूस के सहयोग से 1959 में ही मध्यप्रदेश के भिलाई में (वर्तमान में छत्तीसगढ़) किया गया।
  3. तीसरा इस्पात खाना का निर्माण ब्रिटेन के सहयोग से पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर में किया गया।

तृतीय पंचवर्षीय योजना (1961 - 66)

तृतीय पंचवर्षीय योजना 1961 से 1966 तक चली। इस योजना में कृषि और उद्योग दोनों पर बल दिया गया। इसी योजना में प्रतिरक्षा पर व्यय बढ़ा दिया गया। योजना को बनाने में प्रशांत चंद्र महालनोबिस और जे सेंडी ने महत्वपूर्ण योगदान दिया। आर्थिक विकास का लक्ष्य 5.6 % था परंतु वास्तविक विकास 2.7% हुआ। 1965 में भारत - पाकिस्तान का युद्ध, 1962 में चीन के साथ युद्ध, 1965 - 66 में, सूखा और 1965 में मुद्रा का अवमूल्यन होने के कारण यह योजना अपने लक्ष्य को पाने में असफल रही।

योजना अवकाश (1966-69)

1962 में चीन और 1965 में पाकिस्तान से हुए युद्ध से पैदा हुई स्थिति, दो साल लगातार भीषण सूखा पड़ने, मुद्रा का अवमूल्यन होने, कीमतों में हुई वृद्धि तथा योजना उद्देश्यों के लिए संसाधनों में कमी होने के कारण 'चौथी योजना' को अंतिम रूप देने में देरी हुई। इसलिए इसके स्थान पर चौथी योजना के प्रारूप को ध्यान में रखते हुए 1966 से 1969 तक तीन वार्षिक योजनाएँ बनायी गयीं। इस अवधि को योजना अवकाश कहा गया है।

चौथी पंचवर्षीय योजना (1969 - 74)

चौथी पंचवर्षीय योजना योजना 1969 से 74 तक चली। इस योजना को अशोक चंद्रा ने तैयार किया था इसका उद्देश्य स्थिरता के साथ आर्थिक विकास और आत्मनिर्भरता की प्राप्ति करना था। इस योजना में बोकारो इस्पात कारखाना की स्थापना की गई। बोकारो इस्पात कारखाना का उत्पादन 1972-73 में प्रारंभ हुआ।
सभी प्लांटों में सबसे अधिक उत्पादन क्षमता बोकारो स्टील प्लांट का है लगभग 98 लाख टन।
आर्थिक विकास का लक्ष्य 5.7% था परंतु वास्तविक विकास 2.1% हुआ। इस योजना को गाडगिल योजना भी कहा जाता। इसी योजना में सरकार ने कृषि नीति बनाई थी और श्रीमती इंदिरा गांधी ने 1971 में "गरीबी हटाओ" का नारा दिया था।

पांचवी पंचवर्षीय योजना (1974 - 79)

पांचवी पंचवर्षीय योजना का प्रारूप डीपी धर ने तैयार किया था। इस योजना का मुख्य उद्देश्य गरीबी उन्मूलन आत्मनिर्भरता परिवार नियोजन और 20 सूत्री कार्यक्रम प्रारंभ करना था। आर्थिक विकास का लक्ष्य 4.4 प्रतिशत था जबकि वास्तविक विकास 4.8% हुआ।
पांचवी पंचवर्षीय योजना को जनता पार्टी की सरकार ने 1 वर्ष पहले भंग कर 1978 से 83 अनवरत योजना या रोलिंग प्लान (Roling Plan) दिया। रोलिंग प्लान के जनक गुरनाल मेंडोल थे। 1789 में जनता पार्टी की सरकार समाप्त हो गई 1980 में चुनाव हुई और कांग्रेस की जीत हुई।

छठी पंचवर्षीय योजना (1980 - 85)

इस योजना का मुख्य उद्देश्य गरीबी निवारण और रोजगार सृजन था। इसी योजना में मानक व्यक्ति वर्ष (Standard Person Year) को रोजगार मापने का आधार बनाया गया। इसी योजना में गरीबी मापने का आधार तैयार किया गया यानी ग्रामीण क्षेत्रों में 2400 कैलोरी तथा शहरी क्षेत्रों में 2100 कैलोरी भोजन को गरीबी का आधार माना गया।
छठी पंचवर्षीय योजना में निम्न कार्यक्रम प्रारंभ हुए–
  1. IRDP - Integrated Rural Development Program (1978)
  2. NREP - National Rural Employment Programme
  3. TRYSEM - Training Rural Youth for Self Employment (1982)
  4. DWACRA - Development of Women and Children in Rural Areas (1982-83)
  5. RLEGP - The Rural Landless Employment Guarantee Programme (1983)
इसी योजना में ग्रामीण विकास कार्यक्रम 20 सूत्री कार्यक्रम, आधुनिकीकरण, सामाजिक न्याय और आत्मनिर्भरता शुरू किया गया। इस योजना में सबसे अधिक व्यय ऊर्जा और परिवहन पर किया गया। आर्थिक विकास का लक्ष्य 5.2% था जबकि वास्तविक 5.5% हुआ। यह योजना अपने लक्ष्य में सफल रही। इसी योजना में 12 जुलाई 1983 को शिवरामन समिति के सिफारिश पर नाबार्ड या राष्ट्रीय ग्रामीण विकास बैंक (National Bank for Agriculture and Rural Development - NABARD) की स्थापना की गई। नाबार्ड ग्रामीण स्तर का सबसे बड़ा बैंक है।

सातवीं पंचवर्षीय योजना (1985 -90)

इस योजना का प्रारूप रामकृष्ण हेंगरे ने तैयार किया था। इसी योजना में जवाहर रोजगार योजना का प्रारंभ किया गया।

आठवीं पंचवर्षीय योजना (1992-97)

इस पंचवर्षीय योजना को 1990 में प्रारंभ होना था लेकिन और अस्थिरता के कारण (1990-92) विश्वनाथ प्रसाद सिंह ने वार्षिक योजना को प्रारंभ किया। पुण: पी वी नरसिम्हा राव ने आठवीं योजना (1992 - 97) को प्रारंभ किया। इस योजना का उद्देश्य मानव विकास या मानव संसाधन का विकास था। इस योजना को तिन प्रधानमंत्रियों ने देखा - पी वी नरसिंह राव, अटल बिहारी बाजपेई तथा एचडी देवगौड़ा। इस योजना में प्राथमिक शिक्षा को व्यापक बनाया गया और प्रौढ़ शिक्षा का प्रारंभ किया गया। इसका का मुख्य उद्देश्य निरक्षण को साक्षर बनाना था। इस योजना में भी उर्जा, परिवहन और संचार पर अधिक व्यय किया गया। यह पहला योजना था जिसमें पहली बार सार्वजनिक क्षेत्र की अपेक्षा निजी क्षेत्र पर ज्यादा व्यय (55:45) किया गया। आर्थिक विकास का लक्ष्य 5.6 प्रतिशत था जबकि वास्तविक विकास 6.8 प्रतिशत हुआ। इस योजना में 1993 में प्रधानमंत्री रोजगार योजना प्रारंभ किया गया।

नवी पंचवर्षीय योजना (1997-2002)

इस योजना में ग्रामीण विकास और कृषि को प्राथमिकता दी गई। आर्थिक विकास का लक्ष्य 6.5% था जबकि वास्तविक विकास 5.5% हुआ।

दसवीं पंचवर्षीय योजना (2002-07)

इस योजना पर कुल व्यय ₹15,92,300 करोड़ था। आर्थिक विकाश का लक्ष्य 8% रखा गया जबकि वास्तविक विकास 7.6 प्रतिशत हुआ। पहली योजना के पश्चात दसवीं योजना में पहली बार किसी को प्राथमिकता दी गई। आर्थिक वृद्धि का लक्ष्य कृषि में 4% रखा गया जबकि वास्तविक वृद्धि 2.4 प्रतिशत हुई।

ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना (2007-12)

इस योजना पर कुल व्यय ₹36,44,781 करोड़ था। आर्थिक विकास का लक्ष्य 4.1% था जबकि वास्तविक विकास 3.3% हुआ। इस योजना में पहली बार शिक्षा को व्यापक बनाने हेतु 6% व्यय का प्रावधान किया गया। 7 करोड़ नए रोजगार सृजन का लक्ष्य रखा गया।

बारहवीं पंचवर्षीय योजना (1 अप्रैल 2005 -31 मार्च 2017)

2014 में चुनाव हुई श्री नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने और 12वीं पंचवर्षीय योजना को 17 अगस्त 2014 को भंग कर दिया और इसके स्थान पर 1 जनवरी 2015 को नीति आयोग का गठन किया गया। नीति आयोग के प्रथम अध्यक्ष श्री नरेंद्र मोदी और उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया बने वर्तमान (2018) में नीति आयोग के उपाध्यक्ष अमिताभ कांत है।
योजना आयोग | THE PLANNING COMMISSION OF INDIA

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