भारतीय उद्योग Indian Industries :
एक सामान्य वस्तुओं के उत्पादन में जब कई संस्थाएं मिलकर कार्य करती है तो वैसे सभी संस्थाओं को उद्योग कहा जाता है। किसी देश की अर्थव्यवस्था में उद्योग की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। लौह एवं इस्पात उद्योग को जवाहरलाल नेहरू ने अर्थव्यवस्था की शक्ति या रीढ़ माना।भारत में इस्पात उद्योग
सबसे पहले 1907 में जमशेदजी टाटा के द्वारा सांकची में पहला इस्पात कारखाना Tata Iron and Steel Company (TISCO) की स्थापना की गई। विनियोग के दृष्टिकोण से इस्पात उद्योग भारत का सबसे बड़ा उद्योग है। 1907 के पश्चात 1919 में पश्चिम बंगाल के बर्नपुर या हीरापुर में दूसरा निजी क्षेत्र का इस्पात कारखाना Indian Iron and Steel Company (IISCO) की स्थापना की गई। देश स्वतंत्र होने के बाद 1955 में तीन सार्वजनिक क्षेत्र के इस्पात कारखाना की स्थापना की गई :- राउरकेला - जर्मनी के सहयोग से उड़ीसा में।
- भिलाई - रूस के सहयोग से मध्य प्रदेश (वर्तमान छत्तीसगढ़)।
- दुर्गापुर - ब्रिटेन के सहयोग से पश्चिम बंगाल में।
इस बात उद्योग को बढ़ावा देने हेतु भारत सरकार 1974 में भारतीय इस्पात प्राधिकरण (Still Authority of India -SAIL) की स्थापना किया। सार्वजनिक क्षेत्र में सबसे अधिक उत्पादन क्षमता वाला इस्पात कारखाना भिलाई तथा निजी क्षेत्र में IISCO है।
भारत में सूती वस्त्र उद्योग
भारत का पहला सूती वस्त्र उद्योग की स्थापना 1818 में कोलकाता के फोर्ट ग्लॉस्टर में किया गया। यह असफल रहा। तत्पश्चात 1854 में उद्योगपति कांजी डाबरा द्वारा मुंबई में स्थापित किया गया। यह भारत का पहला सफल सूती मिल माना जाता है। तत्पश्चात भरुच, कानपुर और शाहपुर में स्थापित किया गया। वर्तमान समय में भारत में 1100 से ज्यादा सूत मिलें है। इसमें लगभग 800 निजी क्षेत्र का है। 1927 में सूती वस्त्र उद्दोग को संरक्षण प्रदान किया गया। देश विभाजन ने इस उद्योग पर विपरीत प्रभाव डाला क्योंकि कपास का 60% उत्पादन क्षेत्र पाकिस्तान चला गया जबकि 14 मील पाकिस्तान 400 मिल भारत में रहा।वर्तमान समय में अमेरिका के पश्चात सूती वस्त्र निर्यात में भारत का स्थान है। भारत कुल निर्यात का 19% करता है। भारत में सूती वस्त्र उद्योग में लगभग दो करोड़ श्रमिक लगे हुए हैं। भारत का अधिकांश सूती मिल महाराष्ट्र गुजरात तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में है। कृषि के बाद कपड़ा उद्योग भारत का दूसरा सबसे बड़ा रोजगार प्रदान करने वाला उद्योग है। कपड़ा उद्योग भारत की औद्योगिक उत्पादन का 14% सकल घरेलू उत्पादन (GDP) का लगभग 4% आपूर्ति करता है।
केंद्र सरकार द्वारा 4 जुलाई 2003 को पहला वस्त्र पार्क तमिलनाडु के एट्टीवरम्पलायम नमक गाँव में 300 करोड़ की लागत से बनाया गया। इस गाँव का नाम अब न्यू तिरुपुर रखा गया है।
भारत में जूट उद्योग
1855 में कोलकाता के तीसरा में पहला जूट मिल की स्थापना किया गया। विभाजन के पश्चात इस उद्योग पर भी विपरीत प्रभाव पड़ा क्योंकि 75% जूट उत्पादक क्षेत्र पाकिस्तान (वर्तमान में ढाका) चला गया था। कुल जूट मिल का 90% हुगली नदी के दोनों किनारे स्थित है। 1971 में जुट निगम की स्थापना की गई और 1984 में अंतरराष्ट्रीय जूट संघ की स्थापना ढाका में किया गया। जूट को सोने का रेशा कहा जाता है।भारत में चीनी उद्योग
1840 में भारत का पहला चीनी मिल बिहार के बेतिया में स्थापित किया गया। 1982 में केंद्र सरकार ने चीनी विकास निधि का गठन किया। 1967 में केंद्र सरकार ने चीनी पर से आंशिक लाइसेंस समाप्त कर दिया और 1988 में चीनी पर से पूर्णत: लाइसेंस व्यवस्था समाप्त कर दी गई। वर्तमान समय में सबसे अधिक चीनी उत्पादन महाराष्ट्र (36%) उत्तर प्रदेश (25%) तमिलनाडु (9%) करती है। शेष उत्पादन कर्नाटक गुजरात और आंध्र प्रदेश।गन्ना अनुसंधान संस्थान तमिलनाडु का कोयंबटूर में है और चीनी अनुसंधान संस्थान कानपुर में है।
भारत में सेमेंट उद्योग
1824 में विश्व में सर्वप्रथम सीमेंट का निर्माण जोसेफ अस्पीडिंन ने किया था। भारत का पहला सीमेंट कारखाना 1904 तमिलनाडु में स्थापित किया गया था लेकिन यह असफल रहा। सीमेंट का पहला सफल कारखाना 1912 में गुजरात का पोरबंदर है। 1936 में ACC - Associated Cement Company की स्थापना की गई। यह भारत की सबसे पुरानी सीमेंट कंपनी है। डालमिया समूह को छोड़कर सभी कंपनियां इसकी सदस्य हैं। 1939 में कर्नाटक में भद्रावती में पहला सरकारी सीमेंट कारखाना की स्थापना किया गया। स्वतंत्रता के समय मात्र 23 सेमेंट कारखाना था, 5 पाकिस्तान में 18 भारत में। वर्तमान समय में 130 से ज्यादा हैं और सभी दक्षिण-पश्चिम भारत में है।विश्व में सीमेंट का सबसे अधिक उत्पादन (i) रूस (ii) अमेरिका (iii) इटली (iv) जर्मनी (v) फ्रांस करता है। भारत का स्थान सातवां है। सीमेंट का सबसे अधिक खपत जापान (700 kg प्रति व्यक्ति), जर्मनी (650 kg प्रति व्यक्ति), फ्रांस (600 kg प्रति व्यक्ति), भारत (67 kg प्रति व्यक्ति) करता है।