मंत्रिपरिषद एवं प्रधानमंत्री
संघीय कार्यपालिका में राष्ट्रपति संविधान प्रधान होता है जबकि व्यवहारिक रूप से प्रधानमंत्री ही कार्यपालिका का वास्तविक प्रमुख होता है। अनुच्छेद 74 के तहत राष्ट्रपति को सहायता एवं सलाह देने के लिए एक मंत्रिपरिषद होगा जिसका प्रधान प्रधानमंत्री होगा। मंत्रिपरिषद सामूहिक रूप से लोकसभा के प्रति उत्तरदाई होता है। प्रधानमंत्री किसी मंत्री को हटा सकता है, त्याग पत्र मांग सकता है और इनकार करने पर राष्ट्रपति को उसे हटाने की सलाह दे सकता है।प्रधानमंत्री बनने की योग्यता
- भारत का नागरिक हो।
- 25 वर्ष की आयु पूरी कर चुका हो।
- प्रधानमंत्री बनते समय वह किसी भी लाभ के पद पर नियुक्त ना हो।
प्रधानमंत्री का वेतन
प्रधानमंत्री का वेतन संसद द्वारा तय किया जाता है और समय-समय पर संशोधित किया जाता है। वर्तमान में प्रधानमंत्री का वार्षिक वेतन ₹20 लाख रुपए है।2003 से पहले मंत्रियों की संख्या निश्चित नहीं थी लेकिन 91वां संविधान संशोधन द्वारा कुल सदस्यों का अधिकतम 15% होनी चाहिए। संविधान में मंत्रियों की संख्या का उल्लेख नहीं है। व्यवहार में चार प्रकार के मंत्री होते हैं –
- कैबिनेट मंत्री
- राज्य मंत्री
- स्वतंत्र प्रभार मंत्री
- उप मंत्री
राज्य मंत्री - यदि विभाग से संबंधित मामला हो तो बैठक में बैठ सकते हैं। राज्यमंत्री का दर्जा केंद्रीय मंत्री से निम्न होता है परंतु दोनों का वेतन समान होता है।
स्वतंत्र प्रभार मंत्री - राज्य मंत्री ही स्वतंत्र प्रभार मंत्री होते हैं लेकिन कैबिनेट के अधीन कार्य नहीं करते हैं।
उपमंत्री - उप मंत्री कैबिनेट मंत्री और राज्यमंत्री दोनों को सहायता देते हैं। संसदीय सचिव उप मंत्री से भी नीचे होता हैं।
संविधान में मंत्रिपरिषद शब्द का प्रयोग किया गया है, मंत्रिमंडल शब्द का नहीं। मंत्री परिषद ब्रिटेन से लिया गया है।
मंत्रिमंडल सिर्फ कैबिनेट स्तर के मंत्री से बने होते हैं। मंत्रिमंडल की अध्यक्षता प्रधान मंत्री करते हैं। सामान्यत: सप्ताह में एक बार बैठक होती है। इसका निर्णय मंत्री मंडल के सभी सदस्यों पर समान रूप से लागू होता है। त्यागपत्र देकर ही विरोध कर सकते हैं। मंत्रिमंडल के निर्णय को गुप्त रखा जाता है। 1971 में श्रीमती गांधी संसद की जानकारी के बिना ही रूस के के साथ समझौता कर लिया था। जब मंत्रिमंडल लोकसभा में बहुमत खो देता है तो संपूर्ण मंत्रिमंडल को त्यागपत्र देना पड़ता है। यदि निर्णय से कोई मंत्री असहमत हो तोे उन्हें त्यागपत्र देना पड़ता है। 1962 में देश के रक्षा की घोर उपेक्षा के कारण रक्षा मंत्री वीके कृष्ण मेनन को त्यागपत्र देना पड़ा। मंत्रिमंडल की कार्यकाल निश्चित नहीं है।
प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और मंत्रिपरिषद को जोड़ने का कार्य करते हैं। मंत्रियों के बीच में अगर किसी प्रकार का विवाद उत्पन्न हो जाए तो उसका निपटारा प्रधानमंत्री करते हैं। विधेयकों को पारित करवाने का जिम्मा प्रधानमंत्री के ऊपर होता है। प्रधानमंत्री सदन, देश तथा दल के नेता होते हैं।
1960 में राजेंद्र प्रसाद ने कहा कि संविधान में कोई उल्लेख नहीं है कि राष्ट्रपति मंत्रिपरिषद की बात मानने के लिए बाध्य है। इस हेतु जवाहरलाल नेहरू ने महान्यायवादी M C सीतलवाड़ से परामर्श किया। सीतलवाड़ ने कहा कि राष्ट्रपति सिर्फ नाम मात्र का अध्यक्ष है इसीलिए मंत्री परिषद की बात मानने के लिए बाध्य है। जिसका समर्थन सर्वोच्च न्यायालय ने भी किया। तत्पश्चात श्री मती इंदिरा गांधी ने 1976 में 42वां संविधान संशोधन करके अनुच्छेद 74 में (I) जोड़कर जोड़कर राष्ट्रपति को मंत्रिपरिषद की बात मानने के लिए बाध्य कर दिया।
भारत के सभी प्रधानमंत्री
नाम | कार्यकाल | |
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01 | जवाहरलाल नेहरू | 15-08-1947 से 27-05-1964 |
02 | लाल बहादुर शास्त्री | 09-06-1964 से 11-01-1966 |
03 | इंदिरा गांधी | 24-01-1966 से 24-03-1977 |
04 | मोरारजी देसाई | 24-03-1977 से 28-07-1979 |
05 | चौधरी चरण सिंह | 28-07-1979 से 14-01-1980 |
06 | इंदिरा गांधी | 14-01-1980 से 31-10-1984 |
07 | राजीव गांधी | 31-10-1984 से 01-12-1989 |
08 | विश्वनाथ प्रताप सिंह | 02-12-1989 से 10-11-1990 |
09 | चंद्रशेखर सिंह | 10-11-1990 से 21-06-1991 |
10 | पीवी नरसिम्हा राव | 21-06-1991 से 16-05-1996 |
11 | अटल बिहारी बाजपेई | 16-05-1996 से 01-06-1996 |
12 | एच डी देवगौड़ा | 01-06-1996 से 21-04-1997 |
13 | आई के गुजराल | 21-04-1997 से 18-03-1998 |
14 | अटल बिहारी बाजपेई | 19-03-1998 से 13-10-1999 |
15 | अटल बिहारी बाजपेई | 13-10-1999 से 21-05-2004 |
16 | डॉ मनमोहन सिंह | 22-05-2004 से 21-05-2009 |
17 | डॉ मनमोहन सिंह | 22-05-2009 से 17-05-2014 |
18 | नरेंद्र मोदी | 26-05-2014 से 30-05-2019 |
19 | नरेंद्र मोदी | 30-05-2019 से ...... .. |
मंत्री परिषद तथा प्रधानमंत्री से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्य –
★ मंत्रियों, राज्य मंत्रियों और उप मंत्रियों को निशुल्क आवास एवं अन्य सुविधाएं दी जाती है।★ भारत की पहली महिला केंद्रीय मंत्री राजकुमारी अमृता कौर थी।
★ भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी बनी।
★ नेहरू मंत्रिमंडल में गैर कांग्रेसी मंत्री को सम्मिलित किया था जैसे – भीमराव अंबेडकर, श्यामा प्रसाद मुखर्जी तथा जॉन मथाई।
★ संघीय मंत्रिपरिषद से त्यागपत्र देने वाला पहला मंत्री श्यामा प्रसाद मुखर्जी हैं।
★ संसद सदस्य बने बिना गोविंद बल्लभ पंत मंत्री बने थे। यह पहला मंत्री है जिन्हें मंत्री पद पर रहते हुए भारत रत्न मिला।
★ सबसे अधिक दिनों तक प्रधानमंत्री नेहरू रहे और सबसे कम अटल बिहारी बाजपेई।
★ पी. वी. नरसिंहा राव और एच. डी. देवगोड़ा संसद सदस्य बने बिना प्रधानमंत्री बने जबकि इंदिरा गांधी और मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री बनने से पहले राज्यसभा के सदस्य थे।
★ 1994 में जवाहरलाल नेहरू के निधन के पश्चात गुलजारीलाल नंदा कार्यवाहक प्रधानमंत्री बने थे। पद पर रहते हुए 3 प्रधानमंत्रियों मृत्यु को प्राप्त हुए –
- जवाहरलाल नेहरू
- इंदिरा गांधी
- लाल बहादुर शास्त्री
★ सबसे बुजुर्ग प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई (80 वर्ष 23 दिन) और सबसे युवा प्रधानमंत्री राजीव गांधी (40 वर्ष 42 दिन) थे।
★ लोकसभा चुनाव में पराजित होने वाला पहली प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी थी।
★ चौधरी चरण सिंह एकमात्र ऐसे प्रधानमंत्री थे जो कभी लोक सभा में उपस्थित नहीं हो पाए।
★ सबसे पहला घोटाला (जीप घोटाला) जवाहरलाल नेहरू के समय में 1963 में हुआ था।
★ सबसे पहले अविश्वास प्रस्ताव जवाहरलाल नेहरू पर 1963 में लाया गया। सबसे अधिक अविश्वास प्रस्ताव इंदिरा गांधी के समय लाया गया था।
★ अविश्वास प्रस्ताव द्वारा हटाए जाने वाले प्रथम प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रसाद सिंह है।
★ लोकसभा में विश्वास मत प्राप्त करने से पहले त्यागपत्र देने वाला प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई है।
★ कैबिनेट मंत्रियों में सर्वाधिक बड़ा कार्यकाल (32 वर्ष) जगजीवन राम का था।